सूर्य का फल कुंडली के विभिन्न भावों में

सूर्य का फल कुंडली के विभिन्न भावों में

कुंडली के विभिन्न भावों में सूर्य का फल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता हैं सुर्य एक ऐसा तेजवान ग्रह हैं जिसके उदय से यह पृथ्वी प्रकाशित होती हैं अतः इसे शास्त्रों में आत्मा का कारक ग्रह भी बताया गया हैं । सूर्य राजसिकगुण युक्त तथा क्षत्रिय वर्ण का यह ग्रह हैं । अग्नितत्व प्रधान एवं रक्त वर्णिय यह ग्रह हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सिंह राशि का स्वामी सूर्य को बताया गया हैं । यह सूर्य की मूल त्रिकोण राशि हैं। यदि सूर्य कुंडली में अच्छी स्थिति में हो तो जातक का आत्मविश्वास प्रौढता लिए हुए होता हैं । तथा जातक ऐश्वर्यशाली , राजसिक, प्रभावी, तेजस्वी, तथा उसे मान सम्मान प्राप्त होता हैं । परन्तु यदि सूर्य कमजोर या पीढ़ित अवस्था में हो तो जातक को जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं/